
Share Market 2025 : ऐसा क्या हुआ की ऊपर ही जा रहा है शेयर मार्केट? आइए समझते है बारीकी से
हाय दोस्तों, क्या आपने हाल ही में भारतीय शेयर बाजार (Share Market 2025) की चाल को देखा है? पिछले कुछ समय से बाजार में एक नई ऊर्जा दिख रही है। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक ऊंचाइयों को छू रहे हैं, और निवेशकों के चेहरों पर भी उम्मीद की चमक नजर आ रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या इसके पीछे कोई ठोस वजह है, या यह बस बाजार का एक अस्थायी उत्साह है? आज हम इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे। मैं आपको आसान और दोस्ताना अंदाज में बताऊंगा कि भारतीय शेयर बाजार क्यों ऊपर की ओर बढ़ रहा है। तो चलिए, शुरू करते हैं!
बाजार की चमक का राज क्या है?
भारतीय शेयर बाजार (Share Market ) पिछले कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में है। मार्च 2025 तक, सेंसेक्स ने 80,000 के आसपास मंडराना शुरू कर दिया है, और निफ्टी भी 24,000 के करीब पहुंच चुका है। यह कोई छोटी बात नहीं है! लेकिन बाजार का यह उछाल अचानक नहीं आया। इसके पीछे कई आर्थिक, नीतिगत और वैश्विक कारण हैं, जो मिलकर इसे आगे बढ़ा रहे हैं। इसे समझने के लिए हमें थोड़ा गहराई में जाना होगा। मैं आपको इसे चरण-दर-चरण समझाऊंगा, ताकि तस्वीर साफ हो सके।
बाजार क्यों चढ़ रहा है?
1.मजबूत आर्थिक सुधार
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों में कई उतार-चढ़ाव से गुजरी है, लेकिन अब यह पटरी पर लौटती दिख रही है। 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7% से ऊपर है। यह एक बड़ा संकेत है कि देश की कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, और उनका मुनाफा बढ़ रहा है। जब कंपनियों की कमाई बढ़ती है, तो उनके शेयर की कीमतें भी ऊपर जाती हैं।
उदाहरण के लिए, अगर हम रिलायंस इंडस्ट्रीज या टाटा ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियों को देखें, तो उनकी तिमाही रिपोर्ट्स में मजबूत नतीजे दिख रहे हैं। रिलायंस की रिफाइनरी और जियो जैसे बिजनेस मॉडल लगातार फायदे में हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
2. विदेशी निवेश का बढ़ता दम
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भी भारतीय बाजार (Share Market) में पैसा झोंक रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में FIIs ने अरबों रुपये का निवेश किया है। इसका कारण यह है कि भारत को अब वैश्विक स्तर पर एक स्थिर और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरें ऊंची हैं, लेकिन भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने स्थिरता बनाए रखी है। इससे विदेशी निवेशकों को यहां सुरक्षा और मुनाफे का भरोसा मिला है।
एक छोटा सा उदाहरण लें- पिछले साल अक्टूबर में FIIs ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला था, जिससे बाजार गिर गया था। लेकिन 2025 की शुरुआत से उन्होंने फिर से खरीदारी शुरू की, और इसका असर साफ दिख रहा है।
3. सरकार की नीतियां और आत्मनिर्भर भारत
मोदी सरकार की नीतियां भी बाजार को सपोर्ट कर रही हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया है। पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और फार्मा जैसे सेक्टर में कंपनियों को प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे न सिर्फ प्रोडक्शन बढ़ा, बल्कि शेयर बाजार में इन सेक्टर की कंपनियों के शेयर भी चमके।
मिसाल के तौर पर, टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) यूनिट को देखें। सरकारी सब्सिडी और बढ़ती डिमांड की वजह से इसका शेयर पिछले एक साल में 50% से ज्यादा बढ़ा है।
4. वैश्विक अनिश्चितता में भारत की चमक
दुनिया के कई बड़े देश आज भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी, अमेरिका में रिसेशन की आशंका और यूरोप में ऊर्जा संकट ने निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित किया है। भारत इन सबके बीच एक ‘सुरक्षित ठिकाना’ बनकर उभरा है। इसे आप ऐसे समझें- जब बाकी जगहों पर तूफान चल रहा हो, तो लोग उस घर की ओर भागते हैं जहां छत मजबूत हो। भारत अभी वैसी ही स्थिति में है।
5. रिटेल निवेशकों की भागीदारी
एक और बड़ा कारण है आम भारतीय निवेशकों का बढ़ता उत्साह। पिछले कुछ सालों में डीमैट खातों की संख्या तेजी से बढ़ी है। लोग म्यूचुअल फंड, SIP और डायरेक्ट स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं। यह नया पैसा बाजार में आ रहा है, जिससे डिमांड बढ़ रही है और शेयरों की कीमतें ऊपर जा रही हैं।
मेरे एक दोस्त ने हाल ही में मुझे बताया कि उसने 2023 में 10,000 रुपये का SIP शुरू किया था। आज उसका निवेश 15,000 रुपये से ज्यादा का हो गया है। ऐसे लाखों लोग बाजार में आ रहे हैं, और यह एक बड़ी वजह है।
केस स्टडी: IT सेक्टर का कमाल
आइए, एक सेक्टर को थोड़ा करीब से देखें- सूचना प्रौद्योगिकी (IT)। टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों ने 2024 की दूसरी छमाही में शानदार प्रदर्शन किया। वैश्विक स्तर पर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की डिमांड बढ़ी है, और भारतीय IT कंपनियां इसका फायदा उठा रही हैं। इन कंपनियों के शेयरों में 20-30% की बढ़ोतरी हुई, जिसने पूरे बाजार को ऊपर खींचा। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक सेक्टर की सफलता पूरे बाजार को प्रभावित कर सकती है।
क्या कोई जोखिम भी है?
हां, दोस्तों, हर चढ़ाई के साथ कुछ जोखिम भी होते हैं। वैश्विक ब्याज दरों में बदलाव, महंगाई का बढ़ना या कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बाजार को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अभी के लिए, सकारात्मक पहलू ज्यादा मजबूत दिख रहे हैं।
आगे क्या उम्मीद करें?
तो, Share Market 2025 का यह उछाल कोई संयोग नहीं है। मजबूत अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश, सरकारी नीतियां और आम लोगों का भरोसा- ये सब मिलकर इसे आगे बढ़ा रहे हैं। अगर आप निवेशक हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है, बशर्ते आप सही रणनीति बनाएं। और अगर आप सिर्फ इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं, तो उम्मीद है कि अब आपको साफ तस्वीर मिल गई होगी।
Share Market 2025 में उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगे, लेकिन जिस तरह भारत की नींव मजबूत हो रही है, उससे लगता है कि यह चमक अभी कुछ समय तक बनी रहेगी। आप क्या सोचते हैं? अपने विचार जरूर शेयर करें। तब तक, निवेश करते रहें, सतर्क रहें और बाजार की इस सैर का आनंद लें!