
Loan on LIC policy : पॉलिसी लोन कैसे लें , समझे स्टेप बाय स्टेप यहाँ
Loan on LIC policy :- दोस्तों! अगर आपके पास LIC (लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन) की पॉलिसी है और आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए, तो क्या आप जानते हैं कि आप उस पॉलिसी के खिलाफ लोन ले सकते हैं? जी हां, ये एक ऐसा ऑप्शन है जो न सिर्फ आसान है, बल्कि आपको बैंक के चक्कर काटने या ऊंची ब्याज दरों से भी बचा सकता है। मैंने हाल ही में अपने एक दोस्त को इस प्रोसेस में मदद की थी, और आज मैं आपके साथ वही अनुभव और जानकारी शेयर करने जा रहा हूं। तो चलिए, आज बताते हैं स्टेप बाय स्टेप कि LIC पॉलिसी के खिलाफ लोन कैसे लिया जा सकता है-बिल्कुल आसान भाषा में!
पहले समझें: ये लोन क्या होता है?
सबसे पहले ये जान लीजिए कि LIC के खिलाफ लोन मतलब आप अपनी पॉलिसी को गिरवी रखकर उसकी वैल्यू का कुछ हिस्सा उधार लेते हैं। इसे पॉलिसी लोन कहते हैं। अच्छी बात ये है कि इसमें आपको अपनी पॉलिसी बेचने की जरूरत नहीं पड़ती,वो चलती रहती है, और आपकी कवरेज भी बरकरार रहती है। लेकिन ये हर पॉलिसी पर लागू नहीं होता। चलिए, डिटेल में देखते हैं।
कौन सी पॉलिसी पर लोन मिल सकता है?
सबसे जरूरी बात—हर एलआईसी पॉलिसी पर लोन नहीं मिलता। ये सुविधा सिर्फ उन पॉलिसियों पर उपलब्ध है जो “सरेन्डर वैल्यू” हासिल कर चुकी हैं। आसान भाषा में कहूं, तो आपकी पॉलिसी कम से कम 3 साल पुरानी होनी चाहिए और आपने नियमित प्रीमियम भरे हों।
उदाहरण: LIC की जीवन Anand, जीवन Saral, न्यू एंडोमेंट प्लान जैसी पॉलिसियां इसके लिए योग्य होती हैं।
कितना लोन मिलेगा?: आमतौर पर पॉलिसी की सरेन्डर वैल्यू का 85-90% तक लोन मिल सकता है। मान लीजिए आपकी पॉलिसी की सरेन्डर वैल्यू 5 लाख रुपये है, तो आपको 4.25-4.5 लाख तक का लोन मिल सकता है।
मेरा सुझाव है कि पहले अपनी पॉलिसी के डॉक्यूमेंट्स चेक करें या एलआईसी ब्रांच में पूछ लें कि आपकी पॉलिसी लोन के लिए फिट है या नहीं।
लोन लेने के लिए क्या चाहिए?
अब बात करते हैं कि इसके लिए आपको क्या-क्या तैयार रखना होगा। ये प्रोसेस बहुत सीधा है, लेकिन कुछ बेसिक चीजें चाहिए:
1. पॉलिसी डॉक्यूमेंट: ओरिजिनल पॉलिसी पेपर, जिसमें आपका पॉलिसी नंबर और डिटेल्स हों।
2. आईडी प्रूफ: आधार कार्ड, पैन कार्ड या कोई सरकारी पहचान पत्र।
3. एड्रेस प्रूफ: बिजली बिल, पासपोर्ट या राशन कार्ड।
4. प्रीमियम पेमेंट रसीद: ये दिखाने के लिए कि आपने अब तक प्रीमियम भरा है।
5. लोन एप्लीकेशन फॉर्म: ये आपको एलआईसी ब्रांच से मिलेगा या ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
लोन लेने का प्रोसेस: स्टेप-बाय-स्टेप
अब असली खेल शुरू होता है—लोन कैसे अप्लाई करें। मैं इसे आसान स्टेप्स में समझाता हूं:
स्टेप 1: अपनी पॉलिसी की वैल्यू चेक करें
LIC की वेबसाइट पर लॉगिन करें या नजदीकी ब्रांच में जाकर पूछें कि आपकी पॉलिसी की सरेन्डर वैल्यू कितनी है। ये आपको बताएगा कि कितना लोन मिल सकता है।
स्टेप 2: LIC ब्रांच जाएं या ऑनलाइन अप्लाई करें (https://licindia.in/)
ऑफलाइन: अपनी पॉलिसी और डॉक्यूमेंट्स लेकर ब्रांच जाएं। वहां लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरें।
ऑनलाइन: एलआईसी पोर्टल पर लॉगिन करें, Loan Against Policy ऑप्शन चुनें, और डिटेल्स भरें। हालांकि, ऑनलाइन प्रोसेस अभी पूरी तरह हर जगह उपलब्ध नहीं है, तो ब्रांच जाना सुरक्षित है।
स्टेप 3: डॉक्यूमेंट्स जमा करें,फॉर्म के साथ अपने सभी कागजात जमा करें। LIC वाले इसे वेरिफाई करेंगे। इसमें 1-2 दिन लग सकते हैं।
स्टेप 4: लोन अप्रूवल और पेमेंट, अप्रूवल मिलने के बाद लोन की रकम आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी। मेरे दोस्त को 3 दिन में पैसा मिल गया था।
ब्याज और रिपेमेंट: कितना खर्च आएगा?
लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा है इसका कम ब्याज। LIC का ब्याज दर आमतौर पर 9-10% सालाना होता है, जो बैंक लोन (12-15%) से काफी सस्ता है।
रिपेमेंट: आप इसे कभी भी चुका सकते हैं—कोई फिक्स्ड EMI नहीं। ब्याज हर 6 महीने में चुकाना होता है, वरना वो लोन अमाउंट में जुड़ता जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए आपने 2 लाख का लोन लिया। 10% ब्याज से साल का 20,000 रुपये ब्याज बनेगा। हर 6 महीने में 10,000 रुपये चुकाएं, या बाद में पूरा लोन और ब्याज एक साथ दें।
अगर आप ब्याज नहीं चुकाते, तो एलआईसी आपकी पॉलिसी की सरेन्डर वैल्यू से इसे काट लेगी। लेकिन चिंता न करें—पॉलिसी तब तक चलती रहेगी, जब तक लोन और ब्याज उसकी वैल्यू से ज्यादा न हो जाए।
फायदे और नुकसान
फायदे:
– कम ब्याज दर।
– आसान प्रोसेस, ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं।
– पॉलिसी का इंश्योरेंस कवर बरकरार रहता है।
– कोई क्रेडिट स्कोर चेक नहीं।
नुकसान:
– सिर्फ सरेन्डर वैल्यू वाली पॉलिसी पर मिलता है।
– ब्याज न चुकाने पर पॉलिसी पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष: स्मार्ट तरीके से लोन लें
दोस्तों, LIC पॉलिसी के खिलाफ लोन एक ऐसा रास्ता है जो मुश्किल वक्त में आपकी बहुत मदद कर सकता है। ये न सिर्फ सस्ता है, बल्कि आपकी पॉलिसी की सिक्योरिटी को भी बनाए रखता है। बस इतना ध्यान रखें कि अपनी पॉलिसी की डिटेल्स पहले चेक कर लें और ब्याज समय पर चुकाएं, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।