
IRFC-RVNL-IRCTC shares : रेलवे शेयर्स 50% तक नीचे,क्या अब खरीदने का सही समय है?
IRFC-RVNL-IRCTC shares:-पिछले 4-5 महीनों से भारतीय मार्केट मे कोहराम मचा है जिससे ज्यादातर शेयर अपने टॉप लेवल से आधे हो गए हैं भारतीय शेयर बाजार में रेलवे से जुड़े शेयर्स मे भी (जैसे IRCTC, RVNL, IRFC , IRCON ) में भारी गिरावट देखी जा रही है। कुछ कंपनियों के शेयर्स तो 50% तक नीचे आ चुके हैं।
अब निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है: “क्या यह मौका है सस्ते में शेयर्स खरीदने का, या फिर और गिरावट होगी ?
इस आर्टिकल में हम गहराई से समझेंगे कि रेलवे शेयर्स में यह गिरावट क्यों आई, अभी की स्थिति क्या है, और निवेश के लिहाज से क्या स्ट्रैटेजी अपनाई जाए।
1. गिरावट के कारण: ‘क्यों’ पर ध्यान दें
किसी भी शेयर की कीमत बाजार के सेंटीमेंट, कंपनी के प्रदर्शन और बाहरी कारकों पर निर्भर करती है। रेलवे शेयर्स में गिरावट के मुख्य कारण:
मंदी का डर: विदेशी निवेशक लगातार भारतीय मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं साथ मे पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और महंगाई ने लोगों की यात्रा करने की क्षमता घटाई है। इससे IRCTC जैसी कंपनियों की कमाई प्रभावित हुई।
सरकारी नीतियों में बदलाव:हाल में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की चर्चा ने निवेशकों को चिंतित किया। उदाहरण के लिए, 2022 में प्राइवेट ट्रेनों की शुरुआत पर IRCTC के शेयर्स 15% गिर गए थे।
ग्लोबल मार्केट का प्रभाव:अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरें बढ़ने से विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर्स बेचे, जिससे बाजार में दबाव बना।
केस स्टडी: 2020 में कोविड के दौरान IRCTC का शेयर ₹1,400 से गिरकर ₹800 रह गया था। लेकिन, 2021 में वैक्सीन आने और यात्रा बढ़ने पर यह ₹6,000 तक पहुंच गया। यह दिखाता है कि अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियां लंबे समय में रिकवर कर सकती हैं।

2. क्या अभी शेयर्स सस्ते हैं? वैल्यूएशन समझें
गिरावट के बाद शेयर्स “सस्ते” लग सकते हैं, लेकिन असली सवाल है: “क्या उनकी वैल्यू उनके दाम के हिसाब से सही है?
P/E Ratio: यह शेयर की कीमत और कंपनी के मुनाफे का अनुपात है। अगर P/E Ratio पिछले 5 साल के औसत से कम है, तो शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है। उदाहरण के लिए, IRCTC का P/E Ratio मार्च 2025 में 35 है, जो 2023 के 60 से काफी नीचे है।
डिविडेंड यील्ड: कुछ रेलवे PSUs (जैसे रेलटेल) नियमित डिविडेंड देते हैं। अगर शेयर की कीमत गिरी है, तो डिविडेंड यील्ड बढ़ जाती है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती है।
विशेषज्ञ राय: एनिर्णय जैम (सीनियर मार्केट एनालिस्ट) कहते हैं, “रेलवे सेक्टर में करेक्शन आ चुका है। अब शेयर्स उनके फेयर वैल्यू के करीब हैं, लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी बनी रहेगी।”
3. रिस्क vs अवसर: संतुलन कैसे बनाएं?
रिस्क:
– अगर ग्लोबल मार्केट और बाजार में गिरावट जारी रही, तो शेयर्स और नीचे जा सकते हैं।
– सरकारी नीतियों में बदलाव (जैसे टिकट प्राइस फ्रीज) कंपनियों के मुनाफे को झटका दे सकता है।
अवसर:
– भारत में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ रहा है। 2024 के बजट में ₹2.4 लाख करोड़ रेलवे को आवंटित किए गए हैं। यह लंबे समय में कंपनियों को फायदा पहुंचाएगा।
– IRCTC जैसी मोनोपॉली कंपनियों के पास मार्केट में कोई सीधा प्रतिस्पर्धी नहीं है, जो उन्हें स्थिरता देता है।
केस स्टडी: 2022 में रेलटेल के शेयर ₹180 से गिरकर ₹120 हुए थे। लेकिन, नए टेंडर और गोदामों के विस्तार के बाद 2024 तक यह ₹600 तक पहुंच गया। यह दिखाता है कि सेक्टर के ग्रोथ पोटेंशियल को समझना जरूरी है।
4. एक्सपर्ट सलाह: क्या करें निवेशक?
लॉन्ग टर्म निवेशक: अगर आप 5+ साल के लिए निवेश कर सकते हैं, तो रेलवे शेयर्स में डिप खरीदारी फायदेमंद हो सकती है। सेक्टर का ग्रोथ, सरकारी सपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर डिमांड इसे सुरक्षित बनाते हैं।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स: अभी बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। स्टॉप लॉस (नुकसान रोकने का ऑर्डर) के साथ ट्रेड करें।
Diversify करें: सिर्फ रेलवे शेयर्स पर निर्भर न रहें। IT, FMCG जैसे सेक्टर्स में भी निवेश फैलाएं।
निष्कर्ष:
रेलवे शेयर्स में 50% की गिरावट निवेशकों के लिए एक अवसर हो सकती है, लेकिन यह सब आपके फाइनेंशियल गोल, रिस्क लेने की क्षमता और टाइम हॉरिजॉन पर निर्भर करता है। जल्दबाजी में फैसला न लें। कंपनियों के फंडामेंटल (कर्ज, मुनाफा, प्रबंधन) चेक करें, मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखें, और हो सके तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। याद रखें, बाजार में उतार-चढ़ाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन धैर्य और रिसर्च से की गई निवेश हमेशा रंग लाती है।